मुंबई: हम सबके जीवन में गुरू का विशेष महत्व है। संत कबीर दास अपनी अमृतवाणी में सच्चे गुरु, गुरु की महिमा और जीवन में गुरु के महत्व को बताते हैं। कबीर दास ने गुरु को ईश्वर से भी श्रेष्ठ बताया है। वहीं कबीर जी के दोहे ‘गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागू पाय। बलिहारी गुरु आपणै, गोविन्द दियो बताय।’ में गुरू के महत्व को बताया है। कहते हैं एक आदर्श शिक्षक न केवल अपने स्टूडेंट्स को पढ़ाता है बल्कि उनकी जिम्मेदारी निभाते हुए एक अच्छे भविष्य की राह भी दिखाता है।
हाल ही में एक ऐसे ही शिक्षक की कहानी सोशल मीडिया पर लोगों को इमोशनल कर रही है जिसमें बताया गया है कि कैसे एक शिक्षक अपनी मौत से एक दिन पहले तक हाॅस्पिटल के बिस्तर पर स्टूडेंट्स के असाइनमेंट चेक करता रहा।
दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक लड़की ने अपने पिता की तस्वीर के साथ एक नोट शेयर किया था जिसे पढ़कर लोग इमोशनल हो रहे हैं। बेटी ने सोशल मीडिया पर बताया कि, कैसे पिता की सेहत अचानक बिगड़ने के कारण उन्हें इमरजेंसी में अस्पताल लाया जा रहा था। इस स्थिति में भी वे अपना लैपटॉप और चार्जर अस्पताल ले आए, ताकि असाइनमेंट चेक करके उन्हें ग्रेड दे सकें। बेटी ने बताया कि कैसे पिता ने असाइनमेंट की ग्रेडिंग पूरी कर स्टूडेंट्स से उनके कमिटमेंट को पूरा किया। ये सब होने के बाद उनके चेहरे पर एक अलग सी सुकून की चमक दिखाई दे रही थी लेकिन अगले ही दिन वे इस दुनिया से चले गए।