नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। बॉलीवुड के मशहूर कॉमेडियन व एक्टर जॉनी लीवर आज अपना 66वां जन्मदिन मना रहे हैं। जॉनी लीवर एक ऐसे कलाकार हैं जिनके किसी भी फिल्म में होने से चार चांद लग जाते हैं। उनकी कॉमिक टाइमिंग का तो हर कोई फैन है। लेकिन सभी को हसांने वाले जॉनी की जिंदगी काफी दर्द भरी रही है। आज उनके जन्मदिन पर उनके इन्हीं पहलू से आपको रूबरू कराते हैं।
आज जॉनी लीवर को कौन नहीं जानता। हर कोई उनका फैन है। उनके कई डायलॉग्स और कैरेक्ट्रस लोगों के जहन में बसे हुए हैं। लेकिन सभी को हसांने वाले जॉनी लीवर की जिंदगी में एक दौरा ऐसा आया जब उन्होंने सारी दौलत शौहरत को छोड़कर धर्मगुरु बनने का फैसला लिया था। जी हां, जॉनी ने फिल्म इंडस्ट्री को छोड़कर पूरी धर्म की राह अपना ली थी। वे अपनी मुंबई, चेन्नई और यहां तक की अमेरिका में अपनी सभाएं करते थे जहां सैकड़ों की भीड़ आती थी। लेकिन अब सवाल ये था कि उन्होंने आखिर ऐसा क्यों किया था। इसके बारे बात करते हुए जॉनी ने कहा था कि, मैं हमेशा से एक धार्मिक इंसान रहा हूं। लेकिन, एक घटना हुई और मेरा पूरा जीवन बदल गया। मेरे बेटे को कैंसर हो गया था।
मैं बहुत परेशान हो गया था। लाचार महसूस कर रहा था। समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं। फिर एक दिन मैंने इस इंडस्ट्री को त्यागकर ईश्वर की प्रार्थना में मन लगाने का फैसला किया। 10 दिन तक धर्म के कामों में अपना मन लगाया फिर अपने बेटे को डॉक्टर के पास लेकर गया। डॉक्टर ने कहा, ‘आपका बेटा खतरे से बाहर है। उसे कैंसर नहीं है।’ यह मेरी जिंदगी का टर्निंग प्वॉइंट था। रोमन कैथलिक होने के बाद भी मैंने कभी बाइबल नहीं पढ़ी थी। लेकिन, इस घटना के बाद मुझे समझ आ गया था कि ईश्वर की प्रार्थना से जीवन में कई अविश्वसनीय चमत्कार हो सकते हैं। अब मैं बाइबल भी पढ़ता हूं और धर्म के काम भी करता हूं।” और बस इस के बाद वह धर्म से तो जुड़े रहे साथ ही उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में वापसी की।